
अयोध्या के श्रीराम अस्पताल में बैठने वाले डॉ. आदित्य प्रकाश को लेकर आम लोगों में एक ही बात कही जाती है “जो इनके पास गया, वो अपने पैरों पर चलकर लौटा।” एम.बी.बी.एस. और एम.एस. (ऑर्थो) की पढ़ाई पूरी करने के बाद डॉ. साहब ने सिर्फ इलाज को ही पेशा नहीं बनाया, बल्कि इसे सेवा बना दिया। यही वजह है कि जो भी मरीज एक बार उनके संपर्क में आता है, वही उनका मुरीद बन जाता है।
आजकल हड्डियों से जुड़ी तकलीफें आम होती जा रही हैं चाहे वो फ्रैक्चर हो, कमर या गर्दन में दर्द, जोड़ घिसाव, साइटिका, स्लिप डिस्क, गठिया, रीढ़ की समस्या या उम्र की वजह से हड्डियों में कमजोरी। ऐसे में अगर किसी को सही दिशा, सटीक इलाज और मानसिक भरोसा चाहिए तो लोग सीधे श्री राम अस्पताल का रुख करते हैं।डॉ. आदित्य प्रकाश की एक खास पहचान है वो मरीज से पहले उसकी बात सुनते हैं, उसे समझते हैं और फिर इलाज शुरू करते हैं। वे दवाओं के साथ-साथ घरेलू सतर्कताओं और दिनचर्या के सुधार पर भी पूरा ध्यान देते हैं। यही कारण है कि उनके इलाज के बाद मरीज केवल ठीक नहीं होता, बल्कि पहले से बेहतर जीवन जीने लगता है।
और जो बात उन्हें बाकी डॉक्टरों से सबसे अलग करती है, वो है उनका मानवीय स्वभाव। अगर कोई गरीब मरीज उनके पास पहुंचता है, जेब में पैसा नहीं है, तब भी डॉ. साहब उसका पूरा इलाज करते हैं कई बार अपनी जेब से दवा दिलवाकर। आज के समय में ऐसा डॉक्टर मिलना दुर्लभ है, जो मरीज को फीस से ज़्यादा इंसान समझता हो।
शहर हो या गांव, दूर-दराज से लोग उनके पास सिर्फ इसलिए आते हैं क्योंकि उन्हें भरोसा है कि यहां झूठी जांच, बेवजह की दवा और व्यापार नहीं मिलेगा — सिर्फ इलाज मिलेगा, वह भी ईमानदारी से।
डॉ. आदित्य प्रकाश के इलाज से न जाने कितने लोग फिर से अपने पैरों पर खड़े हुए हैं, कितनों के हाथ फिर से काम करने लायक हुए हैं और कितनों की जिंदगियों में नई रोशनी आई है।अगर आपके आसपास कोई ऐसा है जो लंबे समय से हड्डी या जोड़ की किसी भी तकलीफ से परेशान है, तो बिना वक्त गंवाए एक बार श्रीराम अस्पताल में डॉ. आदित्य प्रकाश से मिल लीजिए। शायद आपकी टूटी उम्मीद भी वहीं जुड़ जाए।