प्रधानमंत्री को सिटी मजिस्ट्रेट राजेश मिश्रा के माध्यम से सौंपा गया ज्ञापन – पत्रकार मुकेश चंद्राकर के परिवार को 1 करोड़ मुआवजा व सरकारी नौकरी की मांग

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राष्ट्रीय अध्यक्ष अंतरिक्ष तिवारी ने कहा, “पत्रकार लोकतंत्र के प्रहरी हैं। मुकेश चंद्राकर की हत्या न केवल पत्रकारिता जगत पर, बल्कि पूरे लोकतंत्र पर हमला है। केंद्र सरकार को चाहिए कि पत्रकारों की सुरक्षा के लिए विशेष कानून बनाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो और पत्रकार बिना भय अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर सकें।”वरिष्ठ पत्रकार अजय श्रीवास्तव ने कहा, “मुकेश चंद्राकर की हत्या अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर सीधा हमला है। जब सत्य की आवाज को दबाने के लिए इस तरह के कृत्य किए जाते हैं, तो यह पूरे समाज के लिए खतरे की घंटी है। केंद्र सरकार को चाहिए कि मृतक के परिवार को न्याय और सहायता दोनों सुनिश्चित करे।”शंकर श्रीवास्तव ने कहा, “पत्रकार समाज के हित में कार्य करते हैं। उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना सरकार की नैतिक जिम्मेदारी है। मुकेश चंद्राकर के परिवार को मुआवजा और सरकारी नौकरी मिलना उनके योगदान का सम्मान होगा।”
साजिद हुसैन ने कहा, “पत्रकार समाज की आवाज होते हैं। उनकी हत्या लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर गहरा आघात है। सरकार को चाहिए कि पत्रकारों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाए।”रवि मौर्य ने कहा, “पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यदि पत्रकार ही सुरक्षित नहीं रहेंगे तो लोकतंत्र कमजोर पड़ जाएगा। केंद्र सरकार को पत्रकारों के खिलाफ बढ़ते हमलों पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।”इस दौरान वरिष्ठ पत्रकार दशरथ यादव, अनूप श्रीवास्तव, अमित श्रीवास्तव सहित कई पत्रकार उपस्थित रहे।भारतीय पत्रकार सुरक्षा कवच ने स्पष्ट किया कि पत्रकारों की सुरक्षा के लिए संघर्ष जारी रहेगा और सरकार पर दबाव बनाया जाएगा कि मुकेश चंद्राकर के हत्यारों को सख्त सजा दिलाई जाए और पीड़ित परिवार को न्याय मिले।