मानसिक तनाव से शारीरिक विकारों तक: डॉ. आलोक मनदर्शन ने कन्वर्जन डिसऑर्डर और मनोद्वन्द पर किया गहरी चर्चा, छात्राओं को दी जागरूकता!”
अयोध्या। डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के अहिल्याबाई होल्कर महिला छात्रावास में कुलपति प्रो. प्रतिभा गोयल के दिशा-निर्देशों पर मानसिक स्वास्थ्य विषय पर एक कार्यशाला और टॉक शो का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित जिला अस्पताल के मनोचिकित्सक डॉ. आलोक मनदर्शन ने छात्राओं को रूपांतरण मनोविकार (कन्वर्जन डिसऑर्डर) से जागरूक किया। उन्होंने बताया कि मानसिक तनाव और परेशानी के कारण यह विकार उत्पन्न होते हैं, जिसमें शरीर के अंगों में सुन्न होना, तेज सांस चलना, दिल की धड़कन का बढ़ना, मिर्गी, उल्टी, पेट दर्द और अन्य शारीरिक समस्याएं होती हैं, जबकि शारीरिक जांच सामान्य होती है।
उन्होंने यह भी बताया कि इस प्रकार के विकार उन व्यक्तियों में अधिक पाए जाते हैं जो मानसिक दबाव, पारिवारिक या अन्य व्यक्तिगत समस्याओं से जूझ रहे होते हैं और उन्हें किसी से साझा करने में संकोच करते हैं। इस विकार के पीछे का एक और कारण तनाव को कम करने या स्वजन से हमदर्दी प्राप्त करने की चाहत हो सकती है।डॉ. मनदर्शन ने बताया कि इस विकार के इलाज में परिजन की जागरूकता और संदर्भित व्यवहार का अनुपालन महत्वपूर्ण होता है। उन्होंने कहा कि यदि परिवार के सदस्य असामान्य लक्षणों को हतोत्साहित करने और सामान्य व्यवहार को प्रोत्साहित करने के लिए सॉफ्ट-ट्रेनिंग दें, तो मरीज को मानसिक विकारों पर काबू पाने में मदद मिल सकती है।
कार्यशाला में विश्वविद्यालय के स्वास्थ्य केंद्र की चिकित्सा प्रभारी डॉ. दीपशिखा चौधरी ने मानसिक स्वास्थ्य विकारों की पहचान पर जोर दिया। छात्रावास की वार्डन डॉ. गीतिका श्रीवास्तव ने मानसिक मनोद्वन्द को साझा करने के लिए छात्राओं को प्रेरित किया। इस कार्यशाला में छात्रावास अधीक्षक डॉ. स्वाति सिंह और स्वास्थ्य केंद्र के कर्मचारी भी उपस्थित रहे।यह कार्यशाला मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने और छात्राओं में मानसिक विकारों के प्रति संवेदनशीलता उत्पन्न करने का एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।