अयोध्या में धूमधाम से मनेगा वरुण अवतार भगवान झूलेलाल का जन्मोत्सव ‘चेटीचंड’
अयोध्या
सन 950 ई. में अखंड भारत के सिंधु प्रदेश के दत्ता नगर में मीराकशाह नामक इस्लामिक राजा का शासन था। वह हिंदुओं पर धर्मांतरण का दबाव बनाता और न मानने पर अत्याचार करता था। राजा के अत्याचारों से त्रस्त सिंधु प्रदेश के हिंदू सिंधु नदी के किनारे एकत्र होकर ईश्वर से रक्षा की प्रार्थना करने लगे।
लगातार 40 दिनों की कठोर प्रार्थना के पश्चात सिंधु नदी से भगवान झूलेलाल मछली पर सवार होकर प्रकट हुए और आकाशवाणी हुई कि हिंदू धर्म की रक्षा के लिए श्री रतन राय एवं माता देवकी के घर अवतार लेंगे। कालांतर में प्रभु झूलेलाल ने जन्म लिया, राजा मीराकशाह को परास्त कर सिंधु प्रदेश के हिंदुओं की रक्षा की। झूलेलाल के दिव्य स्वरूप को देख राजा ने भी समर्पण कर सेवा का व्रत लिया। तभी से सिंधु समाज के आराध्य भगवान झूलेलाल के जन्मोत्सव को ‘चेटीचंड’ के रूप में बड़े हर्षोल्लास से मनाया जाता है।
चेटीचंड महोत्सव अब न केवल भारत, बल्कि विदेशों में भी धूमधाम से मनाया जाता है। अयोध्या में भी इस वर्ष चेटीचंड का भव्य आयोजन किया जा रहा है। सिंधी समाज के श्रद्धालु शोभायात्रा में सम्मिलित होकर अपने आराध्य के जन्मोत्सव को उल्लासपूर्वक मनाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।