अखिलेश यादव पर प्रशासनिक अधिकारी को प्रताड़ित करने और जातीय राजनीति भड़काने के आरोप
अखिलेश यादव पर प्रशासनिक अधिकारी को प्रताड़ित करने और जातीय राजनीति भड़काने के आरोप==============================================
अंबेडकर नगर:
उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर जिले के अजयीपुर गांव में सरकारी जमीन से अवैध कब्जा हटाने की कार्रवाई के बाद राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है। इस मामले में समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पर प्रशासनिक अधिकारियों पर दबाव बनाने और जातीय राजनीति को हवा देने के आरोप लग रहे हैं।
अवैध कब्जा हटाने पर हंगामा
प्रशासन ने गांव की सरकारी परती भूमि (गाटा संख्या 888) पर राम मिलन यादव द्वारा किए गए अवैध कब्जे को न्यायालय के आदेश (धारा 67) के तहत हटाया।
प्रशासन का कहना है कि यह सरकारी जमीन थी और न्यायालय के निर्देशों का पालन किया गया। लेकिन इस कार्रवाई के बाद सपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।
अखिलेश यादव का ट्वीट और प्रशासन पर दबाव
इस मामले पर अखिलेश यादव ने ट्वीट कर प्रशासन की कार्रवाई को पक्षपातपूर्ण बताया। सूत्रों के मुताबिक, इसके बाद से प्रशासनिक अधिकारी मानसिक दबाव महसूस कर रहे हैं।
प्रशासनिक सूत्रों का कहना है:
✔️ यह कार्रवाई पूरी तरह से न्यायालय के आदेश पर आधारित थी।
✔️ इसमें किसी विशेष वर्ग के खिलाफ कोई भेदभाव नहीं हुआ।
✔️ यदि अधिकारी के परिवार पर कोई खतरा उत्पन्न होता है, तो इसकी जिम्मेदारी अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी की होगी।
जातीय राजनीति भड़काने की कोशिश?
सूत्रों के अनुसार, जिस प्रशासनिक अधिकारी को निशाना बनाया गया, वे पटेल समाज से आते हैं। मामले को जातीय रंग देकर राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश की जा रही है।
प्रशासनिक अधिकारी ने क्या कहा?
नाम न छापने की शर्त पर एक अधिकारी ने कहा:
“हम न्यायालय के आदेशों के अनुसार कार्य कर रहे हैं। किसी भी राजनीतिक दबाव में नहीं आएंगे। यदि हमारे परिवार को कोई खतरा हुआ, तो इसके लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई होगी।”
योगी सरकार में प्रशासनिक सुधार और कानून व्यवस्था
उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार अवैध कब्जों और अराजकता के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है।
✅ अवैध कब्जा हटाने में न्यायालय के आदेशों का पालन
✅ बुलडोजर नीति से अतिक्रमण हटाना
✅ ईमानदार अधिकारियों को स्वतंत्रता
✅ गुंडागर्दी और अराजकता पर सख्त नियंत्रण
निष्कर्ष
इस मामले में प्रशासनिक कार्रवाई को राजनीतिक रंग देने की कोशिश की जा रही है। यदि अधिकारी या उनके परिवार को किसी भी प्रकार की मानसिक या शारीरिक प्रताड़ना झेलनी पड़ती है, तो इसके लिए अखिलेश यादव और उनकी पार्टी को जिम्मेदार ठहराया जाएगा।