अयोध्या
अंतरिक्ष तिवारी ने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की नगरी अयोध्या में श्रद्धालुओं के साथ लूट, ठगी और दुर्व्यवहार अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। महाकुंभ के दौरान अव्यवस्थाओं और श्रद्धालुओं से मारपीट की घटनाओं ने अयोध्या की छवि को ठेस पहुंचाई है। अब रामनवमी का पर्व आने वाला है, जिसमें देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु अयोध्या आएंगे। संख्या लगातार बढ़ रही है, लेकिन व्यवस्था बदहाल है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या श्रद्धालु फिर से अव्यवस्था और शोषण का शिकार होंगे?
मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की पावन नगरी को कुछ अराजक तत्व लूट-खसोट का अड्डा बनाने पर तुले हैं। जो श्रद्धालु यहां भक्ति और श्रद्धा लेकर आते हैं, वे जब ठगी और शोषण का सामना कर लौटेंगे, तो दुनिया को अयोध्या के बारे में क्या संदेश देंगे? क्या वे यही बताएंगे कि राम की नगरी में श्रद्धालुओं के सम्मान की कोई चिंता नहीं? यह केवल एक प्रशासनिक चूक नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति और पहचान पर सीधा प्रहार है, जिस पर अब चुप नहीं बैठा जा सकता।
सचिव सत्येंद्र सिंह के भ्रष्टाचार पर ठोस कार्रवाई कब होगी?
अयोध्या विकास प्राधिकरण के सचिव सत्येंद्र सिंह पर लगे भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों की शिकायत स्वयं मुख्यमंत्री आवास पर जाकर की गई थी। मैंने खुद इस विषय को प्रदेश के सबसे उच्च स्तर पर उठाया, लेकिन आज तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
क्या मुख्यमंत्री तक शिकायत पहुंचने के बाद भी भ्रष्ट अधिकारी बेखौफ रहेंगे?
क्या अयोध्या को अवैध निर्माणों और लूट-खसोट का अड्डा बनाने वालों को खुली छूट दी जाएगी?
क्या जांच सिर्फ कागजों में ही चलती रहेगी, जबकि अयोध्या की पवित्रता को भ्रष्टाचार के दलदल में धकेला जा रहा है?
अयोध्या जैसे पवित्र तीर्थस्थल में होमस्टे, होटल और रेस्टोरेंट को अवैध रूप से चलाने वाले अराजक तत्वों को कौन संरक्षण दे रहा है? कौन है जो प्रशासन की आंखों पर पर्दा डाले बैठा है?
इसी तरह, अयोध्या में संचालित बैटरी रिक्शा और अन्य निजी वाहनों द्वारा श्रद्धालुओं से तय किराए से कई गुना अधिक वसूला जा रहा है। जिनके पास पर्याप्त पैसे नहीं होते, वे कई-कई किलोमीटर पैदल चलने को मजबूर हो जाते हैं। आखिर कब तक श्रद्धालुओं का यह शोषण जारी रहेगा? क्या प्रशासन इसे रोकने के लिए कोई ठोस कदम उठाएगा?
यह सवाल अब सिर्फ मेरे नहीं, बल्कि पूरे सनातन समाज और राम भक्तों के हैं। जब तक इस भ्रष्टाचार और श्रद्धालुओं के शोषण पर ठोस कार्रवाई नहीं होती, तब तक यह अनिश्चितकालीन शांतिपूर्ण धरना जारी रहेगा।
हमारी पांच मांगें –
1. अवैध होटल, होमस्टे और रेस्टोरेंट के अराजक तत्वों पर कड़ी कार्रवाई हो।
2. अवैध पार्किंग और निजी वाहनों द्वारा श्रद्धालुओं से अधिक किराया वसूलने की लूट बंद कराई जाए।
3. सचिव सत्येंद्र सिंह के भ्रष्टाचार की निष्पक्ष जांच और ठोस कार्रवाई हो।
4. होटल, होमस्टे और पार्किंग की रेट लिस्ट तय कर टोल-फ्री शिकायत नंबर जारी किया जाए।
5. श्रद्धालुओं से दुर्व्यवहार करने वालों पर कठोर दंडात्मक कार्रवाई हो।
अयोध्या सिर्फ एक शहर नहीं, बल्कि सनातन संस्कृति का केंद्र है। यहां आने वाले श्रद्धालु भगवान राम के दर्शन के लिए आते हैं, न कि लूट और अपमान सहने के लिए। जब तक श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधाओं की गारंटी नहीं होगी, तब तक 18 मार्च से शांतिपूर्ण अनिश्चितकालीन धरना जारी रहेगा।
यह केवल मेरी नहीं, पूरे समाज की लड़ाई है। सत्य की राह कठिन जरूर है, लेकिन इसे कोई रोक नहीं सकता। यदि मुझे आहुति भी देनी पड़े, तो भी श्रद्धालुओं के सम्मान की रक्षा के लिए पीछे नहीं हटूंगा। अयोध्या की पवित्रता और श्रद्धालुओं के सम्मान के लिए यह संघर्ष जारी रहेगा!