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203 लावारिस शवों का सम्मानपूर्वक अंतिम संस्कार: महाकाल सेवा संस्थान ने पेश की मानवता की मिसाल

203 लावारिस शवों का सम्मानपूर्वक अंतिम संस्कार: महाकाल सेवा संस्थान ने निभाई मानवता की मिसाल

अयोध्या, 1 जनवरी 2024। महाकाल सेवा संस्थान ने एक बार फिर मानवता और सेवा का अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत करते हुए 203 लावारिस शवों का सम्मानपूर्वक अंतिम संस्कार किया। संस्थान द्वारा हिंदू धर्म के सभी धार्मिक संस्कारों का पालन करते हुए इन शवों को श्रद्धापूर्वक गुप्तार घाट पर अंतिम विदाई दी गई।

संस्थान के व्यवस्थापक अनिल सिंह ने बताया कि 1 जनवरी 2024 को 203 लावारिस शवों का अंतिम संस्कार किया गया था। इसके उपरांत 5 जनवरी 2025 को उन सभी शवों की अस्थियों का विधिवत सरयू नदी में विसर्जन किया गया। इस पवित्र कार्य में हिंदू रीति-रिवाजों का पूर्ण पालन किया गया, जिससे दिवंगत आत्माओं को मोक्ष की प्राप्ति हो सके।

इस पुण्य कार्य में महाकाल सेवा संस्थान की पूरी टीम ने सक्रिय रूप से भाग लिया। प्रमुख सहयोगियों में समाजसेवी महंत गिरीशपति त्रिपाठी, ऋषि सिंह, अजय मौर्य, मनोज सिंह, मोहित चौहान, सोनू शर्मा, रामजी चौहान, पुनीत सिंह, उमेश सिंह, धर्मेंद्र कुमार उपाध्याय और संस्थान की अध्यक्ष रानी सिंह का विशेष योगदान रहा।

महाकाल सेवा संस्थान ने समाज को यह संदेश दिया है कि प्रत्येक जीवन का सम्मान होना चाहिए, चाहे वह किसी भी स्थिति में क्यों न हो। संस्थान की इस निस्वार्थ सेवा और समाज के प्रति समर्पण के लिए समूचे क्षेत्र में उनकी सराहना की जा रही है। यह कार्य न केवल मानवता का प्रतीक है, बल्कि समाज को एकजुट होकर ऐसी सेवाओं में आगे आने की प्रेरणा भी देता है।

अयोध्या,महाकाल सेवा संस्थान ने एक बार फिर मानवता और सेवा का अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत करते हुए 203 लावारिस शवों का सम्मानपूर्वक अंतिम संस्कार किया। संस्थान द्वारा हिंदू धर्म के सभी धार्मिक संस्कारों का पालन करते हुए इन शवों को श्रद्धापूर्वक गुप्तार घाट पर अंतिम विदाई दी गई।

संस्थान के व्यवस्थापक अनिल सिंह ने बताया कि 5 जनवरी 2025 को 203 लावारिस शवों का अंतिम संस्कार किया गया था। इसके उपरांत सभी शवों की अस्थियों का विधिवत सरयू नदी में विसर्जन किया गया। इस पवित्र कार्य में हिंदू रीति-रिवाजों का पूर्ण पालन किया गया, जिससे दिवंगत आत्माओं को मोक्ष की प्राप्ति हो सके।

इस पुण्य कार्य में महाकाल सेवा संस्थान की पूरी टीम ने सक्रिय रूप से भाग लिया। प्रमुख सहयोगियों में समाजसेवी महंत गिरीशपति त्रिपाठी, ऋषि सिंह, अजय मौर्य, मनोज सिंह, मोहित चौहान, सोनू शर्मा, रामजी चौहान, पुनीत सिंह, उमेश सिंह, धर्मेंद्र कुमार उपाध्याय और संस्थान की अध्यक्ष रानी सिंह का विशेष योगदान रहा।

महाकाल सेवा संस्थान ने समाज को यह संदेश दिया है कि प्रत्येक जीवन का सम्मान होना चाहिए, चाहे वह किसी भी स्थिति में क्यों न हो। संस्थान की इस निस्वार्थ सेवा और समाज के प्रति समर्पण के लिए समूचे क्षेत्र में उनकी सराहना की जा रही है। यह कार्य न केवल मानवता का प्रतीक है, बल्कि समाज को एकजुट होकर ऐसी सेवाओं में आगे आने की प्रेरणा भी देता है।

Aapki Takat

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