नववर्ष के पहले दिन अयोध्या में रामलला के दर्शन के लिए एक लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे, जिससे शहर में ऐतिहासिक दृश्य उत्पन्न हुआ। यह विशेष दिन अयोध्या की धार्मिकता और आस्था के प्रतीक रूप में सामने आया, जब राम जन्मभूमि और हनुमानगढ़ी मंदिर में भक्तों ने अपनी श्रद्धा का अभिव्यक्तिकरण किया।
22 जनवरी 2024 को हुई रामलला की भव्य प्राण प्रतिष्ठा के बाद से अयोध्या में सनातन प्रेमियों की आस्था और भक्तों का तांता लगातार बढ़ता गया। यह ऐतिहासिक घटना न केवल भारत, बल्कि दुनिया भर में सनातन धर्म के अनुयायियों को एकजुट करने का अवसर बनी। प्राण प्रतिष्ठा ने अयोध्या को एक नई पहचान दी, और इसके बाद भक्तों का आना लगातार जारी रहा। अयोध्या के मंदिरों में हर दिन श्रद्धालुओं का रेला उमड़ता रहा, जो यह दर्शाता है कि रामलला की आस्था के प्रति समर्पण अब और भी मजबूत हो गया है।
नववर्ष के पहले दिन, 1 जनवरी 2025 को, अयोध्या में लाखों भक्तों ने रामलला के दर्शन किए, जो इस बात का प्रमाण है कि अयोध्या के प्रति श्रद्धा और आस्था का यह सिलसिला अब एक नई ऊँचाई पर पहुंच चुका है। प्रशासन ने श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए दर्शन की व्यवस्था में कई सुधार किए। राम मंदिर में दर्शन के लिए सात कतारों की व्यवस्था की गई और बुजुर्गों तथा दिव्यांगों के लिए विशेष ट्रैक और व्हीलचेयर की व्यवस्था की गई।
सुरक्षा के दृष्टिकोण से मंदिर परिसर और आसपास के क्षेत्रों में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था लागू की गई, और पुलिस बल को तैनात किया गया ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की कठिनाई न हो। इन सब उपायों से यह सुनिश्चित किया गया कि हर भक्त को सुगम और आरामदायक दर्शन का अनुभव हो सके।
नववर्ष पर अयोध्या में उमड़ी श्रद्धालुओं की विशाल भीड़ ने यह सिद्ध कर दिया कि इस पवित्र नगरी में श्रद्धा और आस्था की कोई सीमा नहीं है। प्रशासन ने श्रद्धालुओं के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाओं को सुनिश्चित किया है, ताकि उनके अनुभव को और भी ऐतिहासिक और अविस्मरणीय बनाया जा सके।
विशेष ध्यान देने योग्य:
अयोध्या में 22 जनवरी 2024 को हुई रामलला की प्राण प्रतिष्ठा ने एक नई धारा को जन्म दिया, जिसने दुनिया भर के सनातन प्रेमियों को आकर्षित किया। इसके बाद, लगातार भक्तों की भीड़ ने अयोध्या को एक धार्मिक केंद्र के रूप में और भी मजबूत किया। इसके साथ ही, 2025 की शुरुआत में लाखों भक्तों का आगमन अयोध्या को एक बार फिर से धार्मिक श्रद्धा का केंद्र बना दिया है।