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बुलडोजर से पत्रकार का घर गिराने वाली कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश, 26 अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर

  1. महाराजगंज: उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले में पत्रकार मनोज टिबड़ेवाल के पुश्तैनी मकान को सड़क चौड़ीकरण के नाम पर बिना किसी पूर्व सूचना के गिरा दिया गया था, जिसके बाद पूरे राज्य में हलचल मच गई थी। इस कार्रवाई को लेकर विवाद बढ़ने पर, सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को आदेश देते हुए 25 लाख रुपये मुआवजे का निर्देश दिया। यह आदेश राज्य सरकार के अधिकारियों द्वारा की गई अव्यावसायिक और असंवैधानिक कार्रवाई के खिलाफ आया है।
  2. इस घटना के बाद, सुप्रीम कोर्ट ने तत्कालीन जिलाधिकारी अमरनाथ उपाध्याय, एडीएम कुंज बिहारी अग्रवाल, अपर पुलिस अधीक्षक आशुतोष शुक्ला सहित 26 अधिकारियों पर मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया। इन अधिकारियों में लोक निर्माण विभाग और अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी भी शामिल हैं, जिन्होंने यह कार्रवाई की थी। इन अधिकारियों पर यह आरोप है कि उन्होंने बिना उचित प्रक्रिया और नोटिस के पत्रकार के घर को गिराया, जो एक संवैधानिक उल्लंघन था।

इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी की है और कहा कि बिना उचित नोटिस और प्रक्रिया के किसी का मकान गिराना असंवैधानिक है। कोर्ट ने राज्य सरकार से यह भी कहा कि अगर किसी भी तरह की कार्रवाई की जाती है तो उसे विधिपूर्वक और कानून के मुताबिक किया जाए।

यह मामला ना सिर्फ पत्रकारों के अधिकारों की रक्षा की दिशा में महत्वपूर्ण है, बल्कि यह सभी नागरिकों को यह संदेश देता है कि किसी के अधिकारों का उल्लंघन करना किसी भी हालत में स्वीकार्य नहीं है। अब इस मामले की जांच की जा रही है और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

 

Aapki Takat

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